मंगलवार, 22 सितंबर 2009

कहो क्या ये जीवें है जहाँ इतनी दुःख इतनी पेशानिया
कैसे जीओं इससे जो एक प्रमाण बन
बहुत प्रयास किए मैने पर सब निर्थक नज़र आते हैं आज ये
पर दोस्त जी रहे हैं
और जीयेगी
जब तक है जीवन लड़ेगे हम उस खुदा से
और एक दिन जीत कर दिखायेगी अगेर उस खुदा ने जीवन दिया तो /