शुक्रवार, 28 जनवरी 2011

/ जीवन के मधुर पल

मेरा बचपन भी सब बच्चों की तरह ही बहुत अच्छा बिता
हम पञ्च भाई बहन थे /मै उन् सब मै बीच की थी /और सब से बहुत प्यार करती थी और शैतान भी बहुत थी /बच्चपन से ही बहुत मस्ती करने की आदत थी /
जन मै क्लास ६ मै थी मेरे पड़ोस मै एक परिवार रहने के लिए आया /उनके भी तीन बेटे थे /पर वो सब बहुत शांत धीर गंभीर टाइप कउनका सांसे छोटा बेटा जो क्लास ८ मै था , हम बच्चों को लगा की वो लड़का हमलोगों के ग्रुप मै शामिल हो जाये तो अच्छा रहेगा /हम सब बच्चे उस से मिलने गए और अपनी बात उस से कही /पर वो था पडाकु बच्चा /
उस की निगाहों मै हम सब बेकार लोग थे /पर भीरे भीरे हमारे परिवारों मै अच्छा मेल जोल हो गया
अब हम लोग भी बड़े हो गए थे /और अच्छे दोस्त बन गए थे /पर था वो अब भी वैसा ही पडाकु /हाँ जब कोई पड़ी मै प्रोब आती तो वो हेल्प जर्रूर करता था सब की /
मेरी किसी से लड़ाई होती या मम्मी मुझे कुछ कह देती मै उस से जर्रूर बताती थी /अब वो मेरा दोस्त हमराज़ सब बन चूका था ...पर न उस के मून मै कोई बात मेरे लिए ई न मेरे मून मै उस के लिए
पर हम दोनों की निकटता देखकर हमारे माता पिता ने इस का मतलब कुछ और ही समझ लिया ...आप समझ ही रहे होगे ?जैसा यौंग बच्चों के माता पिता के मन का भय /एल दिन उस की माँ ने उस से पुछ ही लिया /उस ने मन कर दिया /चलो कोई बात नहीं /अब वो नौकरी करने दिल्ली चला गया /
वहां से छुट्टियों मै आया और मुझ से मिला /मैंने उस से कहाँ की अब तुम्हारा भाविस्ये का की प्लान है /उस ने तुरंत कहा ....तुम मुझ से शादी करोगी ?
सही कहूँ :मै इस प्रश्न के लिए बिलकुल भी तैयार नहीं थी / और मै वहां से बिना कुछ कहे चली आई / दो दिन तक बहुत सोचा उसकी बात को ..और हाँ कह दिया वो दिन मेरी जिंदगी का सबसे खुबसूरत दिन था

4 टिप्‍पणियां:

  1. समझ सकता हूँ उस दिन की खुशिया और भावनाए ... अच्छी अभिव्यक्ति ... दिल की गहरायी से लिखी गयी दिल की बात .... बहुत खूब

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  2. सार्थक सन्देश देती रचना. आभार.

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  3. आपको हेप्पी वेलन्टाईन डे की हार्दिक शुभकामनायें ...स्वीकार करें

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